नमक मिले पानी पिने से नहीं होता कोरोना , जाने कोरोना से जुड़े मिथ और उनकी हकीकत
नमक मिले पानी पिने से नहीं होता कोरोना , जाने कोरोना से जुड़े मिथ और उनकी हकीकत
इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के मिथक प्रचलित हो रहे हैं। इन्हें लेकर आम लोगों में काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। जाने क्या है, इन मिथकों की सच्चाई!
मिथ: नमक मिला पानी पीने से कोरोना का संक्रमण नहीं होता
हकीकत: इस बात की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि खारे पानी को पीने से कोविड-19 का संक्रमण नहीं होता। इतना जरूर है कि नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे करने या नाक धोने से फेफड़ों के कुछ संक्रमण और फ्लू आदि में बचाव होता है। पर, किडनी या हाई बीपी से जुड़ी समस्या है तो ऐसा पानी पीना सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
मिथ: घर की खिड़कियों को रोज धोने की जरूरत है।
हकीकत: घर की खिड़कियों को रोज साबुन-पानी या संक्रमण दूर करने वाली किसी चीज से धोने की जरूरत नहीं है। बाहर से घर में आने पर जिन दरवाजों और खिड़कियों को बार-बार छूने का काम पड़ता है, केवल उन्हें ही असंक्रमित करें। इन्हें साबुन मिश्रित पानी से धोने की बजाय एल्कोहल युक्त वाइप्स से भी साफ कर सकते हैं। जिन खिड़कियों को नहीं छूते, उन्हें रोज साफ करने की जरूरत नहीं है। हां, यदि साफ-सफाई की दृष्टि से उन्हें धोना चाहते हैं, तो आपकी मर्जी है। बेहतर है कि घर में अंदर आते समय किसी और को ही दरवाजा खोलने के लिए कहें।
हकीकत: घर की खिड़कियों को रोज साबुन-पानी या संक्रमण दूर करने वाली किसी चीज से धोने की जरूरत नहीं है। बाहर से घर में आने पर जिन दरवाजों और खिड़कियों को बार-बार छूने का काम पड़ता है, केवल उन्हें ही असंक्रमित करें। इन्हें साबुन मिश्रित पानी से धोने की बजाय एल्कोहल युक्त वाइप्स से भी साफ कर सकते हैं। जिन खिड़कियों को नहीं छूते, उन्हें रोज साफ करने की जरूरत नहीं है। हां, यदि साफ-सफाई की दृष्टि से उन्हें धोना चाहते हैं, तो आपकी मर्जी है। बेहतर है कि घर में अंदर आते समय किसी और को ही दरवाजा खोलने के लिए कहें।
मिथ: फिटनेस के कारण खिलाड़ी कोरोना संक्रमित नहीं होंगे
हकीकत: कई ओलंपियनों को ट्रेनिंग दे चुके प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. निखिल लाटे का कहना है कि ऐसा सोचना तर्कसंगत नहीं है। कई फुटबॉल खिलाड़ी और एनबीए स्टार कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिससे सिद्ध होता है कि फिट से फिट व्यक्ति भी कोविड-19 संक्रमण का शिकार हो सकता है।
हकीकत: कई ओलंपियनों को ट्रेनिंग दे चुके प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. निखिल लाटे का कहना है कि ऐसा सोचना तर्कसंगत नहीं है। कई फुटबॉल खिलाड़ी और एनबीए स्टार कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जिससे सिद्ध होता है कि फिट से फिट व्यक्ति भी कोविड-19 संक्रमण का शिकार हो सकता है।
इसके खिलाफ कोई प्राकृतिक इम्यूनिटी नहीं है। मानव शरीर को अभी यह स्पष्ट पता नहीं है कि इस वायरस से कैसे निपटा जाए? हां, यह हो सकता है कि एथलीट इससे बहुत बुरी तरह प्रभावित न हों, और उनके लक्षण थोड़े हलके हों। पर, उन्हें संक्रमण नहीं होगा, यह सोचना गलतफहमी है।
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